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आदमशुमारी / श्याम जयसिंघाणी
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तूं तेज़ वहन्दड़ डोड़ जे बस स्टाप ते
वेठो केलो खाईं
केरु आहे? केरु आहे, जेको
तुंहिंजी शर्ट छिके थो
अधनंगो, लेकिन सॼो बुखायलु
तो खां पंहिंजो हिस्सो घुरे थो!