भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मेरा जिक्र अंजुमन में, कोई खास बात होगी / बलबीर सिंह 'रंग'

Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:09, 23 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=बलबीर सिंह 'रंग' |अनुवादक= |संग्रह= }...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मेरा जिक्र अंजुमन में, कोई खास बात होगी,
क्या कहा खिजाँ चमन में, कोई खास बात होगी।
सुकरात और मीरा, विष पी गये अबोले,
क्या जुवाँ न थी दहन में, कोई खास बात होगी।