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जाडोको रात / अविनाश श्रेष्ठ

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निद्रा
पकेटमा
हात
घुसारेर
पर
उभिएको

चुपचाप ।
पmुटपाथमा
कठयाङ्ग्रिँदै
कामिरहेको
नाङ्गो
देहमा
ब्युँझिरहेको

एक्लो
उदास
जाडोको
रात ।