भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
पराथना / दुष्यन्त जोशी
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:21, 1 अप्रैल 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दुष्यन्त जोशी |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
मुसाणां में
लकड़ी बेचणआळौ
दिनुगै-दिनुगै रोजिना
करै भगवान सूं पराथना
अर धूप-ध्यान
हे भगवान
थूं मन्नै
कदी नां रैह्वण देई
फक्कड़
अर
चटकै-चटकै बिका
अै लक्कड़।