भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

भूख / दीप नारायण

Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:32, 12 फ़रवरी 2021 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दीप नारायण |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatMai...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

ओ अबैत छल
आ हम ओकरा
मारि दैत छलियै

ओ फेर अबैत छल
हम ओकरा
फेर मारि दैत छलियै

हम ओकरा
मारैत रहलियै
ओ जीवित होइत रहल
बेर-बेर

मुदा,
एक दिन कोनटा धयने आएल
पायर बाइग क' आ
हमरे मारि देलक
भूख।