भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

तलाश / केशव

Kavita Kosh से
प्रकाश बादल (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:59, 3 फ़रवरी 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केशव |संग्रह=धूप के जल में / केशव }} Category:कविता <poem> क...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कोई गाता है
कोई रोता है
जीवन में
कुछ-न-कुछ तो होता है

तू इसमें से गुजर
मत टूट
व्यथा के निर्मम पंजों में
दे नेत्र अपनी सामर्थ्य को

अपने ही माध्यम से
पायेगा तू
लगता है पराये कंधों से
       जो असम्भव

ईश्वर की तलाश में
भटकने से
कब मिला है कुछ
मन्दिर तो भीतर है
और तलाश अपनी