भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
जाल / रेणु हुसैन
Kavita Kosh से
Mukeshmanas (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:16, 29 जून 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रेणु हुसैन |संग्रह=पानी-प्यार / रेणु हुसैन }} {{KKCatKav…)
छत पर टांग दिया है अम्बर
दिवारों पर रंग नया
तस्वीरें कुछ सुंदर-सुंदर
खिड़की पर मनभावन पर्दा
फ़र्श चमाचम शीशे जैसा
सेज सजाई प्यार-सी कोमल
फूलदान में ताजे फूल
खूब सजाया कमरा अपना
फिर भी मन के इक कोने में
कोई मकड़ी बना रही है
अपना जाल