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गुजरात / विमलेश त्रिपाठी
Kavita Kosh से
दब गयी हैं ईश्वर की मूर्तियाँ
पैगम्बरों की आत्माएँ
सुलग रहे
मलवों के नीचे
शहर की साँस पूफल रही है
एक अन्ध
हाथ में कटोरा लिये
सरक रहा है सूनी सड़क पर
ईश्वर-अल्लाह के नाम पर
भीख मांगते हुए