नाम / शरद कोकास
गोद में रखे गये नामों को
बरक़रार रखने की कोशिश में
युद्ध लड़े गए जवानी में
वंश परम्परा जारी रखने की चाह में
माँओं की गोद सूनी की गई
नाम में क्या रखा है कहते हुए
नाम के लिये लड़ते गए
मरते गए लोग
नाम के लिए खुदवाए गए कुएँ
धर्मशालाएँ बनवाई गईं
खोले गए प्याऊ और अस्पताल
नाम में बट्टा लगने के डर से
निर्धारित किए गए जीने के नियम
ज़िन्दगी को कै़द किया गया
आचार संहिता की कोठरी में
जिनके बस में नहीं था
अपना नाम खुद कर लेना
उन्होंने जोड़-तोड़ किए
अपना नाम सार्थक करने के लिए
नाम गूँजता हुआ देखकर
वे खु़श हुए
खु़श हुए छपा हुआ नाम देखकर
अनदेखा कर गए
नाम के साथ जुड़े विशेषणों को
जिनका नाम नहीं था
उन्हें नाम की चिंता नहीं रही
नाम ज़रा सा भी हुआ जिनका
उनके सुख हवस में बदल गए
नाम का क्या हुआ
यह देखने के लिए
जीवित नहीं रहे
वे तमाम लोग।
-1996