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विरासत / सौरभ
Kavita Kosh से
अंग्रेज तो चले गए
विरासत छोड़ गए
बाँटो और राज करो मन्त्र था उनका
अब नेता अंग्रेज हो गए हैं
सत्ता वही सिद्धान्त वही
बस चेहरे बदले हैं
भेड़िया भेड़ की खाल ओढ़
घूमता है रेवड़ में
भेड़ें तो वही रहीं
चरागाहें भी नहीं बदली
बदला तो बस भेड़िया
जो भेड़ बन तख्त पर चढ़ बैठा
मूल नहीं बदला सत्ताधारियों का
तरीके बदले हैं
भेड़ें तब भी छली गईं
आज भी छली जा रहीं
कत्ल का जज्बा वही रहा
कातिल बदल गए।