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सूखे फूल / आभा पूर्वे
Kavita Kosh से
आज भी बिखरी हैं
फूलों की वे
पंखुड़ियाँ
मेरे आस-पास
तुम
करीब आकर तो देखो
पंखुड़ियों को
फूल बना दूंगी ।