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इंतजार! / असंगघोष
Kavita Kosh से
इंतजार में
इंतजार निहित था
इंतजार करो,
तूने कहा।
इंतजार मैं
करता रहा
तेरे इस
इंतजार का
कोई अन्त
अभी तक आया नहीं
अधिक इंतजार
अब मैं
नहीं करता
मेरे अपने जाग रहे
समुदाय के साथ
मैं जा रहा हूँ
अब तू करना
नामे-जमा करने
हमारा इंतजार
सचमुच हम
सामना करेंगे
तेरे हर वार का
हम संगठित हो रहे हैं।