कँटरेंगनी के फूल (गीत) / विजेता मुद्गलपुरी
कँटरेंगनी के फूल इतर के बल इतराबै छै
नै जानी ई कोन देवता के माथा पर चढ़तै
नै जानी ई कोन कामिनी के जूड़ा में कढ़तै
केकरा गरदन के ई बनतै हार बतैतो इहे
या केकरा गुलदस्ता के उपहार बतैतो इहे
अप्पन सेखी ई गुलाब के संग बतियाबै छै
कँटरेंगनी के फूल इतर के बल इतराबै छै
ई डबरा वासिनी लगै छै अब गमला में रहतै
आब कँटैया कोय नै सभ्भे फूल-फूल अब कहतै
चलते फिरते हाल-चाल पूछै ले तितली ऐतै
भरम भेल छै कि ई एक दिन भौड़ा के भरमैतै
ई केक्टस के काँटा-पन से हाथ मिलाबै छै
कँटरेंगनी के फूल इतर के बल इतराबै छै
अप्पन घर में एकरो बिया जोगैने रहतै माली
खाद समय पर देतै करतै पौधा के रखवाली
रंग बिरंगा खाब देखै छे भरमें मंे जीऐ छै
अप्पन धाक जामबै खातिर इतर सुरा पीऐ छै
गुलदौदी गेंदा गुलाब सब के गरियाबै छै
कँटरेंगनी के फूल इतर के बल इतराबै छै