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छत्तीसी / रंजना जायसवाल
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तुमने कहा
मैंने छत्तीस घाट का पानी पिया है
हाँ, मैं हूँ ही छत्तीसी
कई घाट देखे हैं मैंने
तभी तो जाना है
कि दूर से साफ स्वच्छ
चमकते घाट
अक्सर से होते हैं
गदले
बजबजाते
निर्मम
उथले
और दोरंगे।