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तोहरे दंह पसेना रांगल / जयराम दरवेशपुरी

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जय-जय मजदुर
जय किसान
जय-जय भारत
के नवजवान

तोरे देह पसेना रांगल
ई मटिया सोना उगले
 जन जन ले संदेश सबेरे
आ-आ नित दिन उझले
तोहरे पर सोभऽ हे धरती
के सुनहर मुसकान

तोहरे काया जुलुम जोर से
हँसते रोज भिड़ऽ हे
देश के खुशहाली ले तोहरे
कतरा खून गिरऽ हे
तोरा देख दुश्मन के सीमा
पर निकलऽ हे जान

देशवा के तेहवार तूही हा
जग के पालनहार
तोहरे तप फल मुट्ठी भर के
इहाँ बनल बहार
चेत रहल हर खेत आज
अउ उमड़ रहल खरिहान