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दो तरह की बातें / केशव शरण
Kavita Kosh से
शान्ति स्मारकों पर
फूल बरसाओ
शान्ति समारोहों में
कबूतर उड़ाया करो
मगर बम बनाया करो
बमवर्षक बनाया करो