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धोबन का पता / रमाशंकर यादव 'विद्रोही'
Kavita Kosh से
बिना सुरती के सबेरे कुछ होता ही नहीं
नहीं होता सुरती खाने के बाद भी
क्योंकि सबेरे कुछ होने के लिए
सोने के पहले भी कुछ होना चाहिए।