भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
पहिले से भीगा मन / शकुन्त माथुर
Kavita Kosh से
हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।
आज तो है हारा मन
चोट खाया मारा मन
चुप चुप सघन वन
बोझ भारी
दिखा कुछ कारगुजारी
सारा कुछ गोल-गोल
अब तो कुछ बोल मन
सभी कुछ रुका-रुका
मन तेरा थका-थका
चल-चल
पल-पल
कहाँ-कहाँ
तोड़ कर
जोड़ कर
पहुँच वहाँ
वहाँ, वहाँ
पहिले सा गीत बन
पहिले सा भीग मन