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प्रतिबद्धता / पाश
Kavita Kosh से
हम चाहते है अपनी हथेली पर कुछ इस तरह का सच
जैसे गुड़ की चाशनी में कण होता है
जैसे हुक्के में निकोटिन होती है
जैसे मिलन के समय महबूब की होठों पर
कोई मलाई जैसी चीज़ होती है