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प्रवासी के गीत / नरेन्द्र शर्मा

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प्रवासी के गीत
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रचनाकार नरेन्द्र शर्मा
प्रकाशक भारती भंडार, लीडर प्रेस, इलाहाबाद
वर्ष 1939
भाषा हिन्दी
विषय कविताएँ
विधा गीत
पृष्ठ 97
ISBN
विविध द्वितीय संस्करण, १९४४
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
  • आज के बिछुड़े न जाने कब मिलेंगे / नरेन्द्र शर्मा
  • साँझ होते ही न जाने छा गई कैसी उदासी / नरेन्द्र शर्मा
  • पगली इन क्षीण बाहुओं में / नरेन्द्र शर्मा
  • सुमुखि तुमको भूल जाना / नरेन्द्र शर्मा
  • जब याद आए तुम्हें मेरी सुनयने / नरेन्द्र शर्मा
  • क्यों भर लाती हो लोचन / नरेन्द्र शर्मा
  • आह, कैसे कर सकूँगा / नरेन्द्र शर्मा
  • आज उज्जवल चाँदनी को दिन समझकर / नरेन्द्र शर्मा
  • क्यों ऐसी निठुर हुईं रानी / नरेन्द्र शर्मा
  • मिल गए उस जन्म में संयोगवश यदि / नरेन्द्र शर्मा
  • चिर विरह की इस अमा में / नरेन्द्र शर्मा
  • रानी याद तुम्हारी आई / नरेन्द्र शर्मा
  • कुहुकती है कोकिला नित / नरेन्द्र शर्मा
  • नादान विश्व, नासमझ हृदय / नरेन्द्र शर्मा
  • चाँदनी के चार दिन थे / नरेन्द्र शर्मा
  • फिर भी तो जीना होगा ही / नरेन्द्र शर्मा
  • विदा, प्यारे स्वप्न / नरेन्द्र शर्मा
  • कह सकेगा कौन कड़वी बात / नरेन्द्र शर्मा
  • जग में तो पूर्ण पुष्प सी / नरेन्द्र शर्मा
  • चंचल चकोर से उड़ जाएँ / नरेन्द्र शर्मा
  • तुम चंद्र किरण सी खेल रही हो / नरेन्द्र शर्मा
  • प्रिय जाने कब आओगी तुम / नरेन्द्र शर्मा
  • क्या जगत में भ्रांति ही है / नरेन्द्र शर्मा
  • धीरे बह री प्रातः समीर / नरेन्द्र शर्मा
  • कल दिन में मैं कमरे में था / नरेन्द्र शर्मा
  • मेरे आँगन में एक विटप / नरेन्द्र शर्मा
  • वह कितना सुंदर सपना हो / नरेन्द्र शर्मा
  • क्या तुम्हें भी कभी / नरेन्द्र शर्मा
  • सुन कोकिल की पागल पुकार / नरेन्द्र शर्मा
  • चाहता हूँ चित्र प्रिय का / नरेन्द्र शर्मा
  • अंतर अब ज्वालामुखी बना / नरेन्द्र शर्मा
  • यदि होना ही है चिर विछोह / नरेन्द्र शर्मा
  • मेरा घर हो नदी किनारे / नरेन्द्र शर्मा
  • ओ मृदुल लघु दूब / नरेन्द्र शर्मा
  • मैं वियोगी वह उनींदी रात / नरेन्द्र शर्मा
  • रही दिन भर साथ मेरे / नरेन्द्र शर्मा
  • मैं सब दिन पाषाण नहीं था / नरेन्द्र शर्मा
  • यदि यों रग रग रोम रोम में / नरेन्द्र शर्मा
  • मैं मरघट का पीपल तरु हूँ / नरेन्द्र शर्मा
  • जिस खँडहर के बीच भाग्य की / नरेन्द्र शर्मा
  • घड़ी घड़ी गिन / नरेन्द्र शर्मा
  • अनचाहे मेहमान प्राण मेरे जाओ / नरेन्द्र शर्मा
  • उड़ा उड़ा सा जी रहता है / नरेन्द्र शर्मा
  • क्यों मुझको कोई भी आकर / नरेन्द्र शर्मा
  • तुम मेरी भूलों को भूलो / नरेन्द्र शर्मा
  • पतझर के दिन भी बीत चले / नरेन्द्र शर्मा
  • मधुमास स्वयं ही चला गया / नरेन्द्र शर्मा
  • तुम्हें याद है क्या उस दिन की / नरेन्द्र शर्मा
  • बालारुण की किरण बनूँ मैं / नरेन्द्र शर्मा
  • यदि इधर आना हुआ तो देख लोगी / नरेन्द्र शर्मा
  • एक हृदय की कायरता है / नरेन्द्र शर्मा
  • डर न मन / नरेन्द्र शर्मा
  • तुम भी कपोत / नरेन्द्र शर्मा