भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
फोटूग्राफर / सूर्यभानु गुप्त
Kavita Kosh से
मैं फोटूग्राफर मस्ताना!
हाथ और मुँह
धोकर आए,
जिसको हो फोटू खिंचवाना!
मैं फोटूग्राफर मस्ताना!
बंदर भालू, गोभी, आलू
शेर, फूल, जंगल की बढ़िया
तस्वीरें फिल्मों की चालू,
ब्याह-शादियों में मुझको ही-
सभी चाहते हैं बुलवाना!
मैं फोटूग्राफर मस्ताना!
लंबू-छोटू, पतलू, मोटू
याद नहीं कितने लोगों के
खींच चुका मैं अब तक फोटू,
रोते चेहरों को सिखलाया-
मैंने फोटू में मुसकाना!
मैं फोटुग्राफर मस्ताना!