भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बिन्दु का अस्तित्व / केदारनाथ अग्रवाल

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बिंदु का अस्तित्व
बिंदु में नहीं
लकीर में है
देश और काल
जिसे खींचते हैं
करण-कारण के मिलाप के लिए
अपने
नाश और निर्माण के द्वन्द्व की
क्रिया-कलाप के लिए

रचनाकाल: २१-१०-१९७०