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मन से मिटता प्यार भी तो कम नहीं है / अंजनी कुमार सुमन
Kavita Kosh से
मन से मिटता प्यार भी तो कम नहीं है
दुश्मनों का वार भी तो कम नहीं है
इस तरफ उन्माद कुछ ज्यादा हुआ है
उस तरफ ललकार भी तो कम नहीं है
ज्ञान बच्चों में दिखे बूढ़ों के जैसे
आजकल संचार भी तो कम नहीं है
मानते हैं दिल बहुत अब टूटते हैं
प्यार का इजहार भी तो कम नहीं है
है नहीं दौलत का कारोबार अपना
शब्द का व्यापार भी तो कम नहीं है