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मौलाई मुल्कु / मुकेश तिलोकाणी

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स्त्री
जादूअ जो नक़ाबु पहिरे
छांइजे पुरुष ते
बाकी सभु ऊंदहि।
वाटहिड़ो
सही राह बदिरां
पारि करे
उल्टी राह।
जेॾाहिं चंडी,
तेॾाहं चंडो।
मख़मली मुर्क
टिड़ंदड़ टहिक
सभिको ॾिसे
मौलाई मुल्क में।