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राजपथ बनाम जनपथ / प्रताप सहगल
Kavita Kosh से
यह उड़ान राजपथ की है
कौतूहल पैदा करती है
राजपथ की उड़ान
राजपथ की उड़ान के साथ
जुड़े हैं यों
बहादुरी के किस्से
किसी-किसी के हिस्से।
अखबार उछालते हैं
किस्सों के ब्यौरे
और ब्यौरों से
लटक जाता है
पूरा देश
राजपथ की उड़ान
और भी ऊंची हो जाती है
ज्यों-ज्यों
होती है राजपथ की उड़ान ऊंची
त्यों-त्यों
जनपथ
बहुत नीचे छूट जाता है
राजपथ और जनपथ का
क्या सिर्फ इतना ही नाता है?