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वक़्त के मारे मिलेंगे / अश्वनी शर्मा

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वक्त के मारे मिलेंगे
आ मेरे प्यारे मिलेंगे।

सब्र कर थोड़ा यकीं रख
हाथ में तारे मिलेंगे।

देख ये अख़बार पगले
आंकड़े सारे मिलेंगे।

इंकलाबी बन जरा तू
जीत जयकारे मिलेंगे।

आ मेरी छतरी तले तू
गैर हत्यारे मिलेंगे।

देख तेरे दुख में रोते
अपने औसारे मिलेंगे।

भूख की क्या बात करता
कौम के नारे मिलेंगे।