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सभ्यता / विष्णुचन्द्र शर्मा

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मैट्रो से देखा था पारी को
उसने मेरी पकी दाढ़ी देखी
और अपनी सीट से उठकर कहा:
यह सीट नीची है बैठ जाएँ वहाँ!
मैं उसकी सभ्यता का कद देखता रहा पारी में।