धरती
रचनाकार | त्रिलोचन |
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प्रकाशक | वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली |
वर्ष | 1945 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविता |
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- चंपा काले-काले अक्षर नहीं चीन्हती / त्रिलोचन
- संगी रहे आज तारे सारी रात / त्रिलोचन
- चांदनी चमकती है गंगा बहती जाती है / त्रिलोचन
- धूप सुन्दर / त्रिलोचन
- हंस के समान दिन उड़ कर चला गया / त्रिलोचन
- एक पहर दिन आया होगा / त्रिलोचन
- बादल चले गए वे / त्रिलोचन
- आज का दिन बादलों में खो गया था / त्रिलोचन
- बादलों में लग गई है आग दिन की / त्रिलोचन
- उजले बादल आकाश में / त्रिलोचन
- आजकल लड़ाई आ ज़माना है / त्रिलोचन
- गोविन्द आज तुम नहीं हो / त्रिलोचन
- भोरई केवट के घर / त्रिलोचन
- जीवन का एक लघु प्रसंग / त्रिलोचन
- आज मैं अकेला हूँ / त्रिलोचन
- पथ पर चलते रहो निरन्तर / त्रिलोचन