कन्हैयालाल मत्त
जन्म | 18 अगस्त 1911 |
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निधन | 02 दिसम्बर 2003 |
जन्म स्थान | ग्राम जारखी, उत्तर प्रदेश |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
आटे बाटे सैर सपाटे, लोरियाँ और बालगीत, अब है मेरी बारी, बोल री मछली कितना पानी, स्वर्ण हिंडौला, रजत पालना, खेल तमाशे, चल भई काके, जमा रंग का मेला। गीत-नवगीत संग्रह -- गन्ध कहीं खो गई। | |
विविध | |
मत्त जी हिंदी में लोरियां लिखने वाले पहले कवि हैं। लोरियों की पहली किताब ‘लोरियाँ और बालगीत’ 1941 में प्रकाशित हुई। | |
जीवन परिचय | |
कन्हैयालाल मत्त / परिचय |
बालगीत-संग्रह
बालगीत
- चिड़िया रानी, किधर चली / कन्हैयालाल मत्त
- हुआ सवेरा / कन्हैयालाल मत्त
- डंडा-डोली पालकी / कन्हैयालाल मत्त
- तोतली बुढ़िया / कन्हैयालाल मत्त
- इम्तिहान से छुट्टी पाई / कन्हैयालाल मत्त
- जाड़ा लगे / कन्हैयालाल मत्त
- चूहे राजा भूले पाठ / कन्हैयालाल मत्त
- चाँद का सफर / कन्हैयालाल मत्त
- नया गुड्डा, नई गुड़िया / कन्हैयालाल मत्त
- आटे-बाटे / कन्हैयालाल मत्त
- हाऊ और बिलाऊ / कन्हैयालाल मत्त
- चल भई काके / कन्हैयालाल मत्त
- अक्कड़-बक्कड़ / कन्हैयालाल मत्त
- सो जा, राजदुलारी! / कन्हैयालाल मत्त
- झूले मेरा ललना / कन्हैयालाल मत्त
- गरीब मां की लोरी / कन्हैयालाल मत्त