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पंखिडा रे उड़ी जाजे पावागढ़ रे / गुजराती लोक गरबा
- तारा विना श्याम मने एकलडु लागे / गुजराती लोक गरबा
- महेंदी ते वावी मालवे ने / गुजराती लोक गरबा
- नागर नंदजी ना लाल /गुजराती लोक गरबा
- मारी महिसागर नी आरे ढोल/गुजराती लोक गरबा
- भूलो भले बीजू बधू / गुजराती लोक कविता
- खम्मा मारा नंदजी ना लाल / गुजराती लोक गरबा
- चपटी भरी चोखा / गुजराती लोक गरबा
- साथिया पुरावो / गुजराती लोक गरबा
- वा वाया ने वादळ उमट्या / गुजरती लोक गरबा
- मुने एकली जानी ने / गुजराती लोक गरबा
- माथे मटुक्डी महिनी गोरी / गुजराती लोक गरबा
- सोना वाटकडी रे केसर घोल्या / गुजराती लोक गरबा
- अमे महियारा रे गोकुल गाम ना / गुजराती लोक गरबा
- झूलन मोरली वागी रे राजा ना कुंवर /गुजराती लोक गरबा