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रचनाकार | जावेद अख़्तर |
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प्रकाशक | राजकमल प्रकाशन |
वर्ष | 1995 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | ग़ज़लें, नज़्में |
विधा | |
पृष्ठ | |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
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- मेरा आँगन, मेरा पेड़ / जावेद अख़्तर
- बहाना ढूँढते रहते हैं / जावेद अख़्तर
- बेघर / जावेद अख़्तर
- वो ढल रहा है / जावेद अख़्तर
- ए माँ टेरेसा / जावेद अख़्तर
- दोराहा / जावेद अख़्तर
- दुश्वारी / जावेद अख़्तर
- मुझको यक़ीं है सच कहती थीं / जावेद अख़्तर
- हम तो बचपन में भी अकेले थे / जावेद अख़्तर
- सच ये है बेकार हमें ग़म होता है / जावेद अख़्तर
- शहर के दुकाँदारो / जावेद अख़्तर
- ये तसल्ली है कि हैं नाशाद सब / जावेद अख़्तर
- दर्द के फूल भी खिलते हैं / जावेद अख़्तर
- दिल में महक रहे हैं / जावेद अख़्तर
- दुख के जंगल में फिरते हैं / जावेद अख़्तर
- हमारे शौक़ की ये इन्तहा थी / जावेद अख़्तर
- मैं और मिरी आवारगी / जावेद अख़्तर
- उलझन / जावेद अख़्तर
- जहनुमी/ जावेद अख़्तर
- बीमार की रात/जावेद अख़्तर
- मै पा सका न कभी/जावेद अख़्तर
- सुबह की गोरी /जावेद अख़्तर
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