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रचनाकार | केदारनाथ अग्रवाल |
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प्रकाशक | परिमल प्रकाशन, 17, एम.आई.जी., बाघम्बरी आवास योजना, अल्लापुर, इलाहाबाद- 211 006 |
वर्ष | 1984 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविताएँ |
विधा | छन्दमुक्त |
पृष्ठ | 94 |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- [[भूमिका / केदारनाथ अग्रवाल]
- [[न अपना — न और का / केदारनाथ अग्रवाल]
- [[मुट्ठियों में क़ैद आदमी / केदारनाथ अग्रवाल]
- न बुझी आग की गाँठ / केदारनाथ अग्रवाल
- समय बदला / केदारनाथ अग्रवाल
- मर्माहत है / केदारनाथ अग्रवाल
- खिली है ख़ूब छिटकी / केदारनाथ अग्रवाल
- धरा इरा है / केदारनाथ अग्रवाल
- जहाँ आदमी आदमी होता है / केदारनाथ अग्रवाल
- जहान से बाहर / केदारनाथ अग्रवाल
- जीने का दुख / केदारनाथ अग्रवाल
- कुछ न कहो तुम / केदारनाथ अग्रवाल
- मर्म को भीतर छिपाए / केदारनाथ अग्रवाल
- आए गए / केदारनाथ अग्रवाल
- [[तैरता कुलकता है / केदारनाथ अग्रवाल]
- [[जाग गया मैं भीतर बाहर / केदारनाथ अग्रवाल]
- [[आप अभी ज़िन्दा हैं / केदारनाथ अग्रवाल]
- [[न चलाओ दम्भ की दराँती / केदारनाथ अग्रवाल]
- [[जो हमारे साथ हैं / केदारनाथ अग्रवाल]
- [[मरने का मन हो तब भी तो / केदारनाथ अग्रवाल]