भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

हमारा प्यार मुज़रिम है / हालीना पोस्वियातोव्स्का

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:53, 13 दिसम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKAnooditRachna |रचनाकार=हालीना पोस्वियातोव्स्का |संग्रह= }} [[Category:पोल भ…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: हालीना पोस्वियातोव्स्का  » हमारा प्यार मुज़रिम है

हमारा प्यार मुज़रिम है
मौत की सज़ा पाया क़ैदी है
मर जाएगा
बस्स, दो ही महीनों में

बहुत जगह है दुनिया में
समय है बहुत
तुम छोड़ दो मुझे

दुनिया में कमज़ोरी है
मज़बूरी है
चूम कर भी
मैं तुम्हें रोक नहीं सकती

रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय
</poem