भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मन री नदी / सांवर दइया
Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 03:21, 19 दिसम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सांवर दइया |संग्रह=आखर री आँख सूं / सांवर दइया }} [[Ca…)
आंधी
बोळी
गूंगी
छतां लखणा री लाडी
आ मिजळी सदी
जंगळ सूं जुड़िया
लोभ रा लाडू
काटां-बाटां-खावां
थे-म्है-स्सै
कारखानै री सूगली नाळियां
गिंधावतो पाणी
चिमन्यां सूं निकळतो धूंवो
अमूजतो आभो
धांसतो-खून थूकती हवा
मैला गाभा
मैलो तन
मैली आंख
मैली मन री नदी !