भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
तुम्हारा अंक / अरुण चन्द्र रॉय
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:13, 23 दिसम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अरुण चन्द्र रॉय |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> तालिकाओं मे…)
तालिकाओं में
खोए
आँकड़ों के जाल में
उलझे-उलझे
हम
मानो अंक
अंक ना हो...
तुम्हारा अंक हो !