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अबै तो आव / सांवर दइया

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ठालीबूली ठिठकारियोड़ी ठण्ड
रूं-रूं में जमगी

आ बरफ
किंयां पिघळै

अबै तो
थारै बोबा-गढ़ में ई
लाधै तो लाधै
कीं गरमास

जम्योड़ी सांसां में
कीं गति आवै
बाथां भेटा हुयां ई

आव
तूं आव
अबै तो आव
म्हारी सांसां री सागोतर !