भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मैं वह नहीं बजा घंटा हूँ / केदारनाथ अग्रवाल
Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:00, 9 जनवरी 2011 का अवतरण ("मैं वह नहीं बजा घंटा हूँ / केदारनाथ अग्रवाल" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))
देवालय के उस पाषाणी वृषभ-कंठ से
काल बँधा है बधिर अचंचल घंटे जैसा
मैं वह नहीं बजा घंटा हूँ।
रचनाकाल: १६-०७-१९६१