भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
फूल / केदारनाथ अग्रवाल
Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:42, 9 जनवरी 2011 का अवतरण ("फूल / केदारनाथ अग्रवाल" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))
सूख गए फूल
देवता पर चढ़े
निर्देव फूल
पेड़ में लगे
हरे हैं
नहीं
अब तक नहीं झरे हैं
रचनाकाल: २३-१०-१९७०