भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
दल बँधा फूल / केदारनाथ अग्रवाल
Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:10, 9 जनवरी 2011 का अवतरण ("दल बँधा फूल / केदारनाथ अग्रवाल" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))
दृढ़
हो तुम
वृंत पर जैसे खिला
दल-बँधा फूल
यद्यपि
पवन है
तुम्हारे प्रतिकूल
२४-०३-१९७१