भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

साक़िया एक नज़र जाम से पहले-पहले / फ़राज़

Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:56, 7 जून 2007 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अहमद फ़राज़ }} Category:गज़ल साक़िया इक नज़र जाम से पहले पह...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

साक़िया इक नज़र जाम से पहले पहले
हम को जाना है कहीं शाम से पहले पहले

ख़ुश हुआ ऐ दिल के मुहब्बत तो निभा दी तूने
लोग उजड़ जाते हैं अंजाम से पहले पहले

अब तेरे ज़िक्र पे हम बात बदल देते हैं
कितनी रग़बत थी तेरे नाम से पहले पहले

सामने उम्र पड़ी है शब-ए-तन्हाई की
वो मुझे छोड़ गया शाम से पहले पहले