Last modified on 15 जनवरी 2011, at 22:28

जाते-जाते भी / केदारनाथ अग्रवाल

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:28, 15 जनवरी 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल |संग्रह=खुली आँखें खुले डैने / …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

जाते-जाते भी
जीने का
अंत न होगा
बना रहेगा
मेरा जीना
जीवन से जीवंत
प्रतिभा का
पौरुष का पुंज
काव्य-कला का
कूजित कुंज

रचनाकाल: ०१-०३-१९९१