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ठूंठ अर चूंच / अम्बिका दत्त
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धिक्कार छै ई कठफोड़ी जूण नै
सारी उमर
ठक-ठक करतां ही खड जावे
पण
तोल ई न्ह पडे
आवाज ठूंठ में सूं आ रही छै
क चूंच म सूं ।