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आज बिरज में होरी रे रसिया / ब्रजभाषा
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♦ रचनाकार: अज्ञात
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आज बिरज में होरी है रे रसिया
होरी है रे रसिया, बरजोरी है रे रसिया | आज बिरज में ...
आज बिरज में होरी है रे रसिया
कहूँ बहुत कहूँ थोरी है रे रसिया | आज बिरज में ...
इत तन श्याम सखा संग निकसे
उत वृषभान दुलारी है रे रसिया | आज बिरज में ...
उड़त गुलाल लाल भये बदरा
केसर की पिचकारी है रे रसिया | आज बिरज में ...
बाजत बीन, मृदंग, झांझ ओ डफली
गावत दे -दे - तारी है रे रसिया | आज बिरज में ...
श्यामा श्याम संग मिल खेलें होरी,
तन मन धन बलिहारी है रे रसिया | आज बिरज में ...
होरी है रे रसिया, बरजोरी है रे रसिया | आज बिरज में ...
आज बिरज में होरी रे रसिया !