Last modified on 22 फ़रवरी 2011, at 04:38

दरद रो हठ / सांवर दइया

Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 04:38, 22 फ़रवरी 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= सांवर दइया |संग्रह=मन-गत / सांवर दइया }} [[Category:मूल र…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

आंख्यां रा आंसू कैवै
म्हे दरद नै अंगेजांला
अर
दरद हठ करियां बैठियो है
कै आं पानां पर तो
नीं उतरूंला
कलम डुबावो
आंसुवां में
या स्याही में ।