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धूप के टुकड़े / वाज़दा ख़ान
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छाँव को तलाशते
धूप के न जाने कितने टुकड़े
इकट्ठे हैं मेरे पास
क्या करूँगी इनका
सहेजकर रखने पर
टुकड़े
और भी तीखापन
ज़ाहिर करते हैं ।