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हाय न आई / केदारनाथ अग्रवाल
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आज भी आई
कल भी आई
रेल बराबर सब दिन आई!
लेकिन दिल्ली से आजादी
अब तक अब तक हाय न आई,
हाय न आई!!
चिट्ठी आई
पत्री आई
डाक बराबर सब दिन आई
लेकिन दिल्ली से आजादी
अब तक अब तक हाय न आई,
हाय न आई!!
आफत ही आफत सब आई
लेकिन दिल्ली से आजादी
अब तक अब तक हाय न आई,
हाय न आई!!
रचनाकाल: १५-०९-१९४६