भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

विनिमय / त्रिलोचन

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

अजाने जाने का अभिनय चला था नियम से,

चलेगा आगे भी, जन जन इसे जान कर ही

करेंगे भावों का विनिमय, नहीं और पथ है;

लड़ाई आत्मा को कुचल कर ही शक्ति प्रद हो.