Last modified on 2 मई 2011, at 11:27

अवधू माँस भषन्त दया धर्म का नास / गोरखनाथ

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:27, 2 मई 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=गोरखनाथ |संग्रह= }} {{KKCatKavita‎}} <poem> अवधू माँस भषन्त दया …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

अवधू माँस भषन्त दया धर्म का नास ।
             मद पीवत तहाँ प्राण निरास ।
भाँगि भषन्त ग्यान ध्यान षोवँत ।
             जम दरबारी ते प्राणी रोवँत ।।