भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
पद 57 से 70 तक/पृष्ठ 3
Kavita Kosh से
Dr. ashok shukla (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:52, 28 मई 2011 का अवतरण
59
भूरिभाग-भाजनु भई |
रुपरासि अवलोकि बन्धु दोउ प्रेम-सुरङ्ग रई ||
कहा कहैं, केहि भाँति सराहैं, नहि करतूति नई |
बिनु कारन करुनाकर रघुबर केहि-केहि गति न दई ||
करि बहु बिनय, राखि उर मूरति मङ्गल-मोदिमई |
तुलसी ह्वै बिसोक पति-लोकहि प्रभुगुन गनत गई ||