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गीतावली सुन्दरकाण्ड पद 21 से 30 तक/पृष्ठ 9

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पदपदुम गरीबनिवाजके |
देखिहौं जाइ पाइ लोचन-फल हित सुर-साधु-समाजके ||

गई बहोर, ओर निरबाहक, साजक बिगरे साजके |
सबरी सुखद, गीध-गतिदायक, समन सोक कपिराजके ||

नाहिन मोहि और कतहूँ कछु, जैसे काग जहाजके |
आयो सरन सुखद पदपङ्कज चोन्थे रावन-बाजके ||

आरतिहरन सरन, समरथ सब दिन अपनेकी लाजके |
तुलसी "पाहि कहत नत-पालक मोहुसे निपट निकाजके ||